| (وسألت نفسي. بل أثرت شجونها |
| ورأيت من لهب السؤال دخانا |
| هل أحجم التاريخ؟ هل ألقى بنا |
| في اليم؟ هل أغرى بنا النسيانا؟! |
| هل مات ذكر الفاتحين. فلم تعد |
| لابن الوليد يدٌ تدير رحانا؟! |
| وهل استدار الدهر حتى لم نعد |
| نلقى المثنى،أو نرى النعمانا؟! |
| وهل انزوى في الغمد سيف قتيبة |
| وهل انمحت من حده ذكرانا؟! |
| عجباً! أينطفئ السراج وزيته |
| ما زال نهراً يشعل النيرانا؟!) |